helpforallfoundation01@gmail.com +919424289989 Rewa M.P. India

आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद

आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद

आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद
🙏🙏🙏🙏

Join Group

जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
उस-उस राही को धन्यवाद।

जीवन अस्थिर अनजाने ही, हो जाता पथ पर मेल कहीं,
सीमित पग डग, लम्बी मंज़िल, तय कर लेना कुछ खेल नहीं।
दाएँ-बाएँ सुख-दुख चलते, सम्मुख चलता पथ का प्रमाद
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
उस-उस राही को धन्यवाद।

साँसों पर अवलम्बित काया, जब चलते-चलते चूर हुई,
दो स्नेह-शब्द मिल गए, मिली नव स्फूर्ति, थकावट दूर हुई।
पथ के पहचाने छूट गए, पर साथ-साथ चल रही याद —
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
उस-उस राही को धन्यवाद।

जो साथ न मेरा दे पाए, उनसे कब सूनी हुई डगर?

मैं भी न चलूँ यदि तो भी क्या, राही मर लेकिन राह अमर।
इस पथ पर वे ही चलते हैं, जो चलने का पा गए स्वाद

जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,

उस-उस राही को धन्यवाद।

कैसे चल पाता यदि न मिला होता मुझको आकुल अन्तर?

कैसे चल पाता यदि मिलते, चिर-तृप्ति अमरता-पूर्ण प्रहर!

आभारी हूँ मैं उन सबका, दे गए व्यथा का जो प्रसाद

जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला, उस-उस राही को धन्यवाद।
🙏🙏🙏🙏🙏

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *